प्यार का अहसास
प्यार एक एहसास, एक ऐसा एहसास जिसने लाखों लोगों के सपने सजाये, लाखों मुर्दा दिलों को जीने की राह दिखाई......... एक ऐसा एहसास जिसने लाखों लोगों को जीते जी मार दिया, वे ना जी सके और ना ही मर सके, बस एक जिन्दा लाश बन कर रह गये .. प्यार जो पूजा भी है पुजारी भी है... प्यार जो जिन्दा इंसान की मौत का कारण भी है और उसका कफन भी ... प्यार हरेक के लिए कुछ अलग, कुछ जुदा, कुछ खट्टा कुछ मीठा .... कुछ लोग मोहब्बत कर के, हो जाते हैं बर्बाद, कुछ लोग मोहब्बत करके, कर देते हैं बर्बाद,
मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010
गजल ये मेरी भी, तो फानी नही है ...
गजल क्या वो जिसमे, तेरा जिक्र ना हो?
ना हो तेरा लडकपन, जवानी नही है........
ना हो मेरी वफायें, और तेरी जफ़ाएं,
जिसके कारण ही, ये जिंदगानी नही है.........
पड़े जो हमें, फक्त ये ही कहे वो,
हकीकत है ये कोई, कहानी नही है ........
खुद की ख़ुशी पे, जो खुद को मिटा दे,
कहीं ऐसा दीवाना, दीवानी नही है........
जो किताबों मैं दर्ज हों, अमर होंगी बेशक,
गजल ये मेरी भी, तो फानी नही है ....
रविवार, 26 सितंबर 2010
हर बार छल कर भी कभी, छलती नही है जिन्दगी,
जिन्दगी की बात भी,
ये जिन्दगी ही जानती,
जिन्दगी का कहना सूना,
ये जिन्दगी ही मानती,
सौ बार मर कर भी इसे,
सौ बार जीने की है जिद,
जिस जहर से जीवन मिटे,
वो जहर पीने की है जिद,
अपने पद चिन्हों पर सदा,
चलती नही है जिन्दगी,
हर बार छल कर भी कभी,
छलती नही है जिन्दगी,
अच्छे नही बद भी नही,
ये जिन्दगी के रास्ते,
गम देकर ख़ुशी लिए खड़ी,
ये जिन्दगी तेरे वास्ते,
सामना तेरा कराया,
मौत से सौ बार इसने,
फूल सारे छीन कर,
भर दिए बस खार इसने,
नित नये गुल ढूढने फिर,
निकलती है जिन्दगी,
हर बार नया जीवन जीने,
मचलती है जिन्दगी
शनिवार, 25 सितंबर 2010
प्यार का वो देवता, कुछ पल का ही मेहमां हुआ,
नगम-ए-मोहब्बत सुनाना,
कब कहाँ आसान हुआ,
प्यार का वो देवता,
कुछ पल का ही मेहमां हुआ,
धज्जी - धज्जी क्यों हुए,
सपने बुने जो मैंने तुमने,
खुद उन पर शर्मिंदा क्यों?
रस्ते चुने जो मैंने तुमने,
पास रह कर भी हुए,
मीलों के क्यों ये फासले,
तुम भी जुदा हम भी जुदा,
क्यूँ कर कहो अब सांस ले,
कहाँ गये वो कसमे वादे,
जिनका दम हम भरा किये,
शायद दोनों ही भूल गये,
हम कब एक दूजे पर मरा किये,
मैं अपनी खुशियों मैं गमगीं,
तू अपने सुख से अनजान,
नदिया के किनारे सी अब,
तेरी मेरी है पहचान,
रात के चाँद को, नजर किसकी लगी है,
तू ही बता हमदम, कहाँ किस की कमी है,
इश्क के नगमों से मुझे, नफरत नही है दोस्त,
इश्क के नगमों से मुझे,
नफरत नही है दोस्त,
पर प्यार के हसीं धोखे,
मेरी फितरत नही है दोस्त,
प्यार की खातिर मिटना,
जमाने मैं किसे आता है अब,
और प्यार पर मैं मिट जाऊ,
मेरी किस्मत नही है दोस्त,
साथ जीने मरने के वादे,
पर साथ जब रहना हुआ,
दिल ने बीएस फिर ये कहा,
ये कोई जन्नत नही है दोस्त,
प्यार ने तोडा बहुत,
मैं प्यार मैं टूटा बहुत,
और फिर कुछ टूट जाऊ,
मेरी हिम्मत नही है दोस्त ,
इश्क के नगमों से मुझे,
नफरत नही है दोस्त,
पर प्यार के हसीं धोखे,
मेरी फितरत नही है दोस्त,
नफरत नही है दोस्त,
पर प्यार के हसीं धोखे,
मेरी फितरत नही है दोस्त,
प्यार की खातिर मिटना,
जमाने मैं किसे आता है अब,
और प्यार पर मैं मिट जाऊ,
मेरी किस्मत नही है दोस्त,
साथ जीने मरने के वादे,
पर साथ जब रहना हुआ,
दिल ने बीएस फिर ये कहा,
ये कोई जन्नत नही है दोस्त,
प्यार ने तोडा बहुत,
मैं प्यार मैं टूटा बहुत,
और फिर कुछ टूट जाऊ,
मेरी हिम्मत नही है दोस्त ,
इश्क के नगमों से मुझे,
नफरत नही है दोस्त,
पर प्यार के हसीं धोखे,
मेरी फितरत नही है दोस्त,
प्यार ढूंढते ही रहे, जीवन भर हम मगर,
प्यार ढूंढते ही रहे,
जीवन भर हम मगर,
हमारी बद नसीबी देखिये,
हमे प्यार ही ना मिल सका,...........
दोस्त निकले बेवफा,
एतवार तोडा यार ने,
जिस पर हम एतवार करते,
ऐसा यार ही ना मिल सका,............
जिसने जब तक चाहा, हमसे खेला,
जब दिल चाहा, छोड़ दिया,
जब भी अपना मतलब पूरा हो गया,
सीसे सा दिल तोड़ दिया,............
बेवफाओं की दुनिया मैं,
वफा तलासते रातों दिन,
जीकर भी क्या करेंगे,
सूना जग ये तेरे बिन,............
जीवन भर हम मगर,
हमारी बद नसीबी देखिये,
हमे प्यार ही ना मिल सका,...........
दोस्त निकले बेवफा,
एतवार तोडा यार ने,
जिस पर हम एतवार करते,
ऐसा यार ही ना मिल सका,............
जिसने जब तक चाहा, हमसे खेला,
जब दिल चाहा, छोड़ दिया,
जब भी अपना मतलब पूरा हो गया,
सीसे सा दिल तोड़ दिया,............
बेवफाओं की दुनिया मैं,
वफा तलासते रातों दिन,
जीकर भी क्या करेंगे,
सूना जग ये तेरे बिन,............
बुधवार, 22 सितंबर 2010
प्यार ढूंढते ही रहे, जीवन भर हम मगर,
प्यार ढूंढते ही रहे,
जीवन भर हम मगर,
हमारी बद नसीबी देखिये,
हमे प्यार ही ना मिल सका,...........
दोस्त निकले बेवफा,
एतवार तोडा यार ने,
जिस पर हम एतवार करते,
ऐसा यार ही ना मिल सका,............
जिसने जब तक चाहा, हमसे खेला,
जब दिल चाहा, छोड़ दिया,
जब भी अपना मतलब पूरा हो गया,
सीसे सा दिल तोड़ दिया,............
बेवफाओं की दुनिया मैं,
वफा तलासते रातों दिन,
जीकर भी क्या करेंगे,
सूना जग ये तेरे बिन,............
जीवन भर हम मगर,
हमारी बद नसीबी देखिये,
हमे प्यार ही ना मिल सका,...........
दोस्त निकले बेवफा,
एतवार तोडा यार ने,
जिस पर हम एतवार करते,
ऐसा यार ही ना मिल सका,............
जिसने जब तक चाहा, हमसे खेला,
जब दिल चाहा, छोड़ दिया,
जब भी अपना मतलब पूरा हो गया,
सीसे सा दिल तोड़ दिया,............
बेवफाओं की दुनिया मैं,
वफा तलासते रातों दिन,
जीकर भी क्या करेंगे,
सूना जग ये तेरे बिन,............
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